Monday, 22 August 2016

राजन के बाद पटेल से नयी उम्मीदें हैं बाजार को

मुंबई, 21 अगस्त :भाषा: भारतीय रिजर्व बैंक के निवर्तमान गवर्नर रघुराम राजन की छवि जहां मुखर व रॉकस्टार नियामक की थी वहीं नए मनोनीत गवर्नर उर्जित पटेल को मृदुभाषी लेकिन प्रभावी अधिकारी माना जाता है। उद्योग व बाजार को पटेल से करेंसी नोट पर उनके हस्ताक्षर के अलावा उनसे बड़ी उम्मीदें हैं। 

एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने कहा,लाक्षणिक व प्रतीकात्मक रूप से रिजर्व बैंक के शीर्ष पद पर व्यक्तित्व क बदलाव उद्योग व बैंकों के लिए बहुत राहत भरा दिखा रहा है जो राजन की नीतिगत कार्रवाई के निशाने पर रहे हैं।

सरकार द्वारा पटेल को राजन का उत्तराधिकारी चुने जाने पर चौतरफा सराहना हो रही है पर प्रमुख उद्योगपतियों, बैंकों और बाजार के लोग अभी दिल थाम कर अपने मन में सवाल कर रहे हैं कि राजन के साथ मुद्रास्फीति के खिलाफ योद्धा की तरह दिखने वाले पटेल अपनी छवि को नये पद पर भी कायम रखेंगे या कंपनी जगत में वित्त बाजार के अनुभवों के साथ वह मुद्रास्फीति और वसूली में फंसे रिणों को को लेकर रिजर्व बैंक के सख्त रवैए में कुछ नरमी लाएंगे। 

विशेषग्यों का कहना है कि डा पटेल से बाजार की अपेक्षाओं की सूची लंबी है। इनमें ब्याज की निम्न दर, बैंकों व कर्जदारों के प्रति नरम रख, बैंकिंग लाइसेंस देने में उदार रवैया, विदेशी मुद्रा भंडार को बचाये रखना व उसे बढाना जैसी उम्मीदें शामिल हंै। इनमें सभी लक्ष्यों को पूरा करना कोई आसान काम नहीं है।
यहां उद्योग जगत की एक बैठक में उद्योग जगत की एक बड़ी सख्शियत ने कहा कि विडंबना यह है कि मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई में राजन ने पटेल को ब्रह्मास्त्र के रप में प्रयोग किया। केंद्रीय बैंक काम काम वृद्धि को प्रभावित किए बिना ही मुद्रास्फीति पर काबू पाना होता है। नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की उद्योग जगत की निरंतर मांग से पार पाना राजन के लिए बड़ी चुनौती रही थी। एक और बड़ी चुनौती बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियां या एनपीए था

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