इलाइट्स
• सरकार 3 लाख रुपये से ज्यादा के नकदी लेन-देन पर बैन लगाने जा रही है
• 3 लाख रुपये की सीमा रखने का मकसद क्रेडिट या डेबिट कार्ड्स और चेक अथवा ड्राफ्ट्स के जरिए ट्रांजैक्शन सुनिश्चित करना है
• वित्त मंत्रालय प्लास्टिक मनी के इस्तेमाल को भी बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है
• 3 लाख रुपये की सीमा रखने का मकसद क्रेडिट या डेबिट कार्ड्स और चेक अथवा ड्राफ्ट्स के जरिए ट्रांजैक्शन सुनिश्चित करना है
• वित्त मंत्रालय प्लास्टिक मनी के इस्तेमाल को भी बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है
सिद्धार्थ/सुरोजीत गुप्ता, नई दिल्ली
सरकार 3 लाख रुपये से ज्यादा के नकदी लेन-देन को प्रतिबंधित करने जा रही है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) के सुझावों के मद्देनजर सरकार अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे काले धन पर कड़ा प्रहार करना चाहती है।
सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि उद्योग-व्यापार जगत के भारी विरोध के बीच सरकार को एसआईटी के एक और सुझाव पर फैसला करना बाकी है जिसमें 15 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी रखने पर भी बैन लगाने की बात कही गई है। एक अधिकारी ने बताया, 'डर इस बात का है कि इससे कहीं टैक्स अधिकारियों की प्रताड़ना का सामना नहीं करना पड़ा।'
3 लाख रुपये की सीमा रखने का मकसद क्रेडिट या डेबिट कार्ड्स और चेक अथवा ड्राफ्ट्स के जरिए ट्रांजैक्शन सुनिश्चित करना है ताकि इसका आसानी से पता लगाया जा सके। ब्लैक मनी के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहने के बावजूद अथॉरिटीज ने जूलरी और कार खरीद में नकदी लेन-देन के कई मामले पकड़े हैं
वित्त मंत्रालय प्लास्टिक मनी के इस्तेमाल को भी बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। इसी के तहत सरकारी सेवाओं के लिए ट्रांजैक्शन चार्ज नहीं लेने की घोषणा की गई है।
सरकार 3 लाख रुपये से ज्यादा के नकदी लेन-देन को प्रतिबंधित करने जा रही है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) के सुझावों के मद्देनजर सरकार अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे काले धन पर कड़ा प्रहार करना चाहती है।
सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि उद्योग-व्यापार जगत के भारी विरोध के बीच सरकार को एसआईटी के एक और सुझाव पर फैसला करना बाकी है जिसमें 15 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी रखने पर भी बैन लगाने की बात कही गई है। एक अधिकारी ने बताया, 'डर इस बात का है कि इससे कहीं टैक्स अधिकारियों की प्रताड़ना का सामना नहीं करना पड़ा।'
3 लाख रुपये की सीमा रखने का मकसद क्रेडिट या डेबिट कार्ड्स और चेक अथवा ड्राफ्ट्स के जरिए ट्रांजैक्शन सुनिश्चित करना है ताकि इसका आसानी से पता लगाया जा सके। ब्लैक मनी के खिलाफ अभियान लगातार जारी रहने के बावजूद अथॉरिटीज ने जूलरी और कार खरीद में नकदी लेन-देन के कई मामले पकड़े हैं
वित्त मंत्रालय प्लास्टिक मनी के इस्तेमाल को भी बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। इसी के तहत सरकारी सेवाओं के लिए ट्रांजैक्शन चार्ज नहीं लेने की घोषणा की गई है।
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